Saturday, April 23, 2011

सुनो शिशिर..... !!!!


१)
सुनो शिशिर..... !!!!

हिम कँवर ...
जब तुम बरसाते
कम्पित विहग ..

कहाँ चले जाते ..!!!???
सुख की डोली में
मगन तुम झूलो
शिशुपन के पुलकित मन का
कैसा नीरव.....!!!!
ये सृजन ???
आह सखी ...
भर लायी हूँ मैं....!!
नैनो में उनका करुण रुदन ..
हिम कँवर ...
जब तुम बरसाते ..
कहो शिशिर ..!!!???
कम्पित विहग ...!!!
कहाँ चले जाते ...????



****क्रमशः*****

श्रीप्रकाश डिमरी जोशीमठ, जनवरी २०११