Tuesday, September 27, 2011

सभी मित्रों का हार्दिक अभिनन्दन !!!


















अभिनन्दन !!!.....
शब्दों की सीमा है..
प्रेम भवसागर अनंत....
नेह की पतवार ले..
तुम आये खेवन हार ..
कुसुमित नव पल्लवित
नव पुष्प शोभित...
अनंत नेह हार ..
स्वागत हे !
प्रेम पथिक..
भावों के इस ह्रदय द्वार..
कोटि कोटि अभिनन्दन ..
शुभ कामनाएं अनंत ..
कीजिये स्वीकार ....
....श्रीप्रकाश डिमरी ....