Tuesday, September 27, 2011

सभी मित्रों का हार्दिक अभिनन्दन !!!


















अभिनन्दन !!!.....
शब्दों की सीमा है..
प्रेम भवसागर अनंत....
नेह की पतवार ले..
तुम आये खेवन हार ..
कुसुमित नव पल्लवित
नव पुष्प शोभित...
अनंत नेह हार ..
स्वागत हे !
प्रेम पथिक..
भावों के इस ह्रदय द्वार..
कोटि कोटि अभिनन्दन ..
शुभ कामनाएं अनंत ..
कीजिये स्वीकार ....
....श्रीप्रकाश डिमरी ....

10 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

बड़ी सुन्दर अभिव्यक्ति।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सुन्दर अभिनन्दन

kshama said...

प्रेम पथिक..
भावों के इस ह्रदय द्वार..
कोटि कोटि अभिनन्दन ..
शुभ कामनाएं अनंत ..
Nihayat sundar!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




आपका भी स्वागत अभिनंदन !
अच्छी लघु कविता :)


आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और
शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

-राजेन्द्र स्वर्णकार

Rakesh Kumar said...

बहुत खूबसूरत अभिनन्दन किया है आपने.

नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

मेरे ब्लॉग पर आप आये इसके लिए
हृदय से आभार आपका.

Maheshwari kaneri said...

बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।..नवरात्रि पर्व की बधाई .

virendra said...

बहुत खूबसूरत रचना , सुन्दर भाव ,बधाई

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

बहुत सुन्दर ... भावो से और नेह से भरा अभिनन्दन ... आपको भी नवरात्रि पर शुभकामनायें

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !

अभिषेक मिश्र said...

आपका भी अभिनन्दन.