
प्रिये !!!!
मैं.......
ओस की एक नन्ही बूंद
घने अँधेरे हिम शीतित वन में
एक पत्ती पर अर्ध चंद्राकर
ठिठुरता सहमता
उष्णता की प्रत्याशा में
युगों युगों तक करता रहा
तुम्हारा इंतजार...
और तुम धीरे धीरे
मुझे सहलाती
एक सूर्य रश्मि !!!!
बनकर उष्णता .....
छा गयी मुझपर
मैं सहज हो उठा
और हो गया एकाकार
तुमसे........
प्रिये !!!!
तुम एक बसंत
और मैं एक
रुखी सूखी काया
छा गयी तुम मुझपर
बनकर हरित सौंदर्य
खिल उठा मैं तुम्हे पाकर ...
निहारता रहा
तुम्हारा अप्रतिम सौंदर्य
अपलक .......
पर
ये कौन है ???
जो चीर रहा है
मेरे सीने को
रौंद रहा है
हरित सौंदर्य को
बो रहा
कंक्रीट के उपवन
घोट रहा
कोयल की कूक
उढ़ रहा
आकाश में
रोक रहा
सूर्य चन्द्र रश्मि को
खेल रहा
विनाशक गोलों से
रच रहाषडयंत्र
तुम्हारे मेरे
अंतहीन विछोह का .....
प्रिये !!!!
आज भयग्रस्त कातर हो रहा हूँ मैं ..
क्योंकि तुम्हारी निकटता ने
बना दिया है मुझे कोमल
बहुत कोमल है ह्रदय मेरा
और पीत पात से मेरे हाथ
इसलिए
महा विनाश के उस आर्तनाद में
नारंगी सूरज के
घटाटोप अंधकार में डूबकर मेरे
तुमसे ....
सदा बिछुढ़ जाने से पहले
मेरी प्रियतम !!!
उबार लेना मुझे
नहीं तो में नन्हा तिनका बनके उढ़ जाऊंगा
और फिर ...
कभी लौट कर
तुम तक नहीं आ पाउँगा .....
स्वरचित ...श्रीप्रकाश डिमरी ...९-११-२००९
19 comments:
बहुत बढ़िया सर ।
सादर
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति/ आपने जो लिखा बहुत अच्छा लिखा /बधाई आपको /
please visit my blog.thanks.
आदरणीय संगीता स्वरुप जी ..मेरी अभिव्यक्ति को स्थान देकर सम्मान प्रदान करने हेतु कोटि कोटि सादर अभिनन्दन ...!!!
यशवंत माथुर जी ..हार्दिक धन्यवाद एवं शुभ कामनाएं !!!
सदा जी ..अपार शुभकामनाएं एवं अभिनन्दन !!!
प्रेरणा जी अपार शुभकामनाएं एवं अभिनन्दन !!!
अंतस के झंझावात का अद्भुत चित्रण.बधाई.
बेहतरीन शब्द चयन!
आपके एक एक शब्द दिल में झंझावत पैदा करते हैं और मन के भावों की बेचैनी और और शब्दों में कशिश है!!!
आभार!
अरुण कुमार निगम जी, शिल्पी तिवाड़ी जी...हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएं !!!
'क्योंकि तुम्हारी निकटता ने
बना दिया है मुझे कोमल '
दो पंक्तियाँ ही गहन भाव समेटे हैं.
इस कविता में बहुत ही खूबसूरती से मन के भावों की अभिव्यक्ति दिखी.जितना गाढ़ा प्रेम होता जाता है उतना ही मन भी बिछोह के डर से डरा -डरा रहने लगता है.
अल्पना वर्मा जी ..कोटि कोटि आभार !!! शुभकामनाएं अपार !!!
सादर !!!
Beautifully expressed !
बहुत सुंदर प्रस्तुति...
acchhi prastuti hai bhaayi...
सुंदर अभिव्यक्ति!
बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
बहुत खुबसूरत शब्दों से सजाई गई एक खुबसूरत रचना .
बधाई
बहुत सुन्दर गीत
Post a Comment