.अपने आस पास मानवीय संवेदनाओं ..आस्थाओं के सरल ओर सहज रूप को
..अविश्वाश ओर दंभ से परास्त होते देखना कितना पीड़ा दायक होता है ...
हमारी संवेदनाये ओर स्नेह इस भौतिक युग में सभ्यता के तथाकथित विकास में ..
कितना बिखर चुके हैं ....मन भर आता है..ओर अनुभूतियाँ स्पन्दित होने लगती हैं.. ..
अवाक रह जाता हूँ मैं....फिर भी विश्वास है .. संसार में मानवीय संवेदनाएं एवं पारस्परिक प्रेम की भावना के जीवंत होने का....
प्रवीण पांडे जी ...ये चित्र मेरे बहनोई डा० भट्ट जी द्वारा कर्णप्रयाग कि निकट नौटी गांव के समीप स्वयं खींचा गया है ...यह स्थान जनपद चमोली उत्तराखंड राज्य में अपने प्यारे भारतवर्ष में स्थित है सादर ...!!!
8 comments:
शुभदिवस
Apko bhi...
बहुत ही सुन्दर चित्र, कहाँ का है?
आप को भी..बहुत ही सुन्दर चित्र है...
डा० नूतन जी, डा० मोनिका जी , प्रवीण पांडे जी , माहेश्वरी कनेरी जी .आप सभी को सादर शुभ कामनाएं...!!!
प्रवीण पांडे जी ...ये चित्र मेरे बहनोई डा० भट्ट जी द्वारा कर्णप्रयाग कि निकट नौटी गांव के समीप स्वयं खींचा गया है ...यह स्थान जनपद चमोली उत्तराखंड राज्य में अपने प्यारे भारतवर्ष में स्थित है सादर ...!!!
बहुत सुन्दर चित्र...शुभकामनायें !
Bahut sundar tasveer hai!
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