.अपने आस पास मानवीय संवेदनाओं ..आस्थाओं के सरल ओर सहज रूप को
..अविश्वाश ओर दंभ से परास्त होते देखना कितना पीड़ा दायक होता है ...
हमारी संवेदनाये ओर स्नेह इस भौतिक युग में सभ्यता के तथाकथित विकास में ..
कितना बिखर चुके हैं ....मन भर आता है..ओर अनुभूतियाँ स्पन्दित होने लगती हैं.. ..
अवाक रह जाता हूँ मैं....फिर भी विश्वास है .. संसार में मानवीय संवेदनाएं एवं पारस्परिक प्रेम की भावना के जीवंत होने का....
7 comments:
बर्फ ही बर्फ - मनमोहक नजारा
bahut thhandak se bhari post .aabhar
Sunder jhanki....
बहुत सुंदर,
आभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
bahut sundar chitr honge..kintu abhi mujhey chitr nahi dikhayi diye..Sadar
Garami mei rahat dete hue thande thande barfile chitr bahut sundar lage.
अति सुन्दर...
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